अमित शाह: भाजपा के तेज़‑तर्रार नेता की कहानी
अगर आप भारतीय राजनीति देखते हैं तो अमित शाह का नाम ज़रूर सुनते हैं। उनका सफर गुजरात की छोटी सी राजनीति से लेकर देश की बड़ी शक्ति तक का एक सीधा रास्ता है। इस पेज में हम उनके मुख्य काम, उनके चुनावी रणनीति और आज की राजनीति में उनका असर देखेंगे।
राजनीतिक सफर का मुख्य बिंदु
अमित शाह ने 1990 के दशक में भुजभूजन के साथ जुड़ाव शुरू किया। बाद में उन्होंने 2001 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव के रूप में काम किया, पर असली पहचान उन्हें 2005 में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी प्रमुख (सीए) बनते ही मिली। इस पद पर रहते हुए उन्होंने पार्टी के संगठन को कई छोटे‑छोटे भागों में बाँट दिया, जिससे हर जिले में बीजेपी की आवाज़ पुख्ता हुई।
2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधान मंत्री पद संभाला और अमित शाह को गृह मंत्री बना दिया। इस नए भूमिका में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक व्यवस्था और कई विवादास्पद कानूनों को तेज़ी से लागू किया। उनका काम अक्सर मीडिया में तेज़ी से दिखता है, चाहे वह नागरिक संहिता हो या नागरिक अधिकारों का सवाल।
नवीनतम कदम और असर
पिछले कुछ सालों में अमित शाह ने कई चुनावों में टीम लीडर का रोल संभाला। 2019 के आम चुनाव में उनके रणनीतिक निर्णयों ने बीजेपी को भारी जीत दिलाई। उन्होंने चुनाव में सोशल मीडिया, डेटा एनालिटिक्स और क्षेत्रीय गठबंधन का प्रयोग करके विरोधी दलों को पीछे धकेल दिया।
आज भी उनका हाथ कई बड़ी नीतियों में है। नई क़ानून बनाने में उनका तेज़ी से काम करना, राज्यों के साथ वार्ता करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कदम उठाना उनके काम का हिस्सा है। इन कदमों से अक्सर जनता में बहस होती है, पर यही चर्चा उन्हें सर्च में ऊपर लाती है।
अगर आप अमित शाह के बारे में और गहराई से जानना चाहते हैं, तो उनके पुराने इंटरव्यू, टाउन हॉल मीटिंग और संसद में उनके भाषण देख सकते हैं। इन स्रोतों से आपको उनके सोचने के तरीके, नीति बनाते समय किस बात को महत्व देते हैं और उनका भविष्य का दृष्टिकोण समझ में आएगा।
समाचार पुस्तकालय में आप अमित शाह से जुड़ी ताज़ा खबरें, उनके द्वारा किए गए विज्ञापनों और उनका सामाजिक प्रभाव देख सकते हैं। इस पेज को पढ़ते हुए आप उनके राजनीतिक सफर की स्पष्ट तस्वीर बना पाएँगे और समझ पाएँगे कि आज की राजनीति में उनका स्थान कितना महत्वपूर्ण है।

अमित शाह राज्यों से केंद्रीय एजेंसियों के साथ संगठित होने की अपील कर रहे हैं?
- द्वारा नवीन श्रेष्ठ
- पर 23 जन॰ 2023